अमीश त्रिपाठी: एक लेखक! जो कल्पना में सत्य गढ़ रहा है।जहां एक ओर हम यह पढ़ते हैं कि हमारे युगपुरुष मनु और शत्रुपा थे, वही हम यह भी पढ़ते हैं कि हमारी प्राचीन सभ्यता थी – सिंधु घाटी सभ्यता। इसी तरह अगर हम दूसरे धर्मों की बात करें तो हर धर्म अपना प्रादुर्भाव अलग-अलग तरीकों […]
रावण : राक्षस अथवा महाज्ञानी ब्राह्मण
लंका का गौरव – ब्रह्मा का प्रपौत्र – रावण। क्या यह सामान्य मनुष्य था?रक्ष-वंशज, अधर्म अन्याय और विद्रोह का सूचक रावण, जिसने पूरी पृथ्वी को विकल विह्वल कर, स्वयं विष्णु को शरीर धारण करने हेतु विवश कर दिया – वह दशानन रावण – एक सामान्य नर तो हो ही नहीं सकता। धर्म परायणा माता – […]
सीता : सती या फिर एक योद्धा
अहिल्या, अनुसुइया, सावित्री सरीखी स्त्रियों की कतार में खड़ी सीता – राजर्षि जनक की पुत्री सीता – एक वर्ष तक रावण की कैद एक ही वृक्ष के नीचे बैठे-बैठे बिताने वाली सीता – और पृथ्वी से ही जन्म ले, उसी में समा जाने वाली सीता – आखिर क्या थीं? एक सती, एक योद्धा अथवा एक […]
रेत को जीवंत करते सुदर्शन पटनायक
एक ऐसी कला जिसे न सहेजने का मोह होता है न रखने का झंझट न बिकने का शौक न बेचने की चिंता। रेत की कला ‘सेंड आर्ट ‘ जो कितने पल तक ठहरेगा यह लहरों के भरोसे होता है। बनाने वाले को यदि यह मोह हो जाए कि इतनी मेहनत किस काम की जो कुछ […]
देश के गौरव महान सपूत : छत्रपति शिवाजी महाराज
शिवाजी का उद्भव देश का वह काल था, जब पूरा देश मुगलों के अत्याचारों से कराह रहा था। उस समय मुगलों का शासक औरंगजेब था। जो कि एक कट्टर मुस्लिम था। उसके काल में अन्य धर्मों के लोग बहुत कष्ट में थे। ऐसे समय में एक मसीहा के रूप में शिवाजी का पूरा अवतरण था। […]
महात्मा गांधी ‘बापू’ की शक्ति कस्तूर’बा’
दुनिया में बहुत सी ऐसी महिलाएं हुई हैं, जिनकी अपनी कोई पहचान नहीं थी। अपने पति की छत्रछाया में उनकी पत्नी मात्र होना ही जिनका वजूद था। मगर, कस्तूरबा गांधी यानि ‘बा’ केवल गांधी की पत्नी नहीं थीं। वह एक सशक्त और स्वावलंबी महिला थीं। यह महज संयोग ही था कि वह महात्मा गांधी से […]